घर-आँगन जो हरा भरा है है किस के, परिश्रम का ये फल, मेरी भार्या जो थके नहीं कभी, पर सोचे हर पल, कितने... घर-आँगन जो हरा भरा है है किस के, परिश्रम का ये फल, मेरी भार्या जो थके नहीं कभी, ...
ज्ञान दायिनी मातु मै, सुमिरौ द्वौ कर जोरि। ज्ञान दायिनी मातु मै, सुमिरौ द्वौ कर जोरि।
हे नव दुर्गे हे जगजननी, दुष्टों का संहार करो तुम। हे नव दुर्गे हे जगजननी, दुष्टों का संहार करो तुम।